चंदौली

चंदौली-मोहर्रम पर इमाम हुसैन की शहादत को मुस्लिम समाज ने किया याद,या अली या हुसैन की सदाओं के साथ जिले भर में निकले ताजिया जुलूस,शरबत और ठण्डे पानी की जगह-जगह थी व्यवस्था

चन्दौली जिले भर में मोहर्रम अकीदत के साथ मनाया गया लोगों ने ताजिए के नीचे से निकल कर खुशहाली की मन्नत मांगी।जुलूस में दोनों समुदायों के लोगों ने भाग लिया और देश की गंगा जमुनी तहजीब जिंदा रही। जबकि जुलूस के दौरान विभिन्न स्थानों पर शरबत और ठण्डे पानी की व्यवस्था की गई।आपको बता दें कि मुहर्रम कर्बला के 72 शहीदों की याद में किया जाता है। ये कोई पर्व नहीं, बल्कि एक इंसानियत के लिए संदेश है। जो इमाम हुसैन ने कर्बला में आतंक फैलाये हुए यजीद के खिलाफ़ जंग की थी। और अपने बहत्तर साथियों के साथ शहीद हो गये। इसी क्रम में लौंदा गांव में मुहर्रम का जुलूस मंगलवार की शाम सगीर दादा के दरवाजे से ताजिया व अलम के साथ उठाया गया। जिसमें अजादार इमाम हुसैन की शहादत के गम में नौहाखानी व मात कर माहोल को गमगीन कर दिया। जबकि नेजामत कर रहे लोगो ने कहा की पैगंबरे इस्लाम के नाती इमाम हुसैन ने अपनी जान देकर इस्लाम को बचाया, यह क़यामत तक क़ायम रहेगी। उस समय के शासक यजीद ने इमाम हुसैन के परिवार सहित 72 साथियों को शहीद कर दिया था,अंत मे इमाम हुसैन का भी सिर धड़ से अलग कर दिया, फिर भी वह हार गया।इमाम हुसैन की इसी अजीम कुर्बानी पर शाबये बयाज परवेज़ अहमद लाडले ने कहा है कि इस्लाम जिंदा होता है हर कर्बला के बाद।वहीं बुधवार को दोपहर बाद परवेज़ अहमद ‘लाडले’, फैजान साबरी, आसिफ़ इकबाल, तमशीर मिल्की ‘सिब्बल’, मुख्तार अप्पू, फैज कैशपी आदि ने जब नौहा को पढ़ा तो वहां पर सैकड़ों की तायदात में खड़े जायरीन रो पड़े।

शांतिपूर्ण तरीके से मनाया गया मोहर्रम

अलीनगर थाना क्षेत्र रेमा ,लौंदा,कठौरी, बरौली, रेवसा, खजूर गांव, दिघी, नई कोर्ट, नसीरपुर पट्टन, बसीला , महदेउर में मुहर्रम अकीदत के साथ मनाया गया। जबकि कुछ गांव में मोहर्रम के जुलूस के दौरान विभिन्न स्थानों पर शरबत और ठण्डे पानी की व्यवस्था की गई। मुहर्रम ताजिया का जुलूस शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त होने के बाद स्थानीय प्रशासन ने राहत की सांस ली।इस मौके पर संरक्षक खुर्शीद प्रधान, कमेटी अध्यक्ष आसिफ़ इकबाल, उपाध्यक्ष अशरफ जमाल राजू, कोषाध्यक्ष तुफैल राजू, नन्हे नेता, अफरोज छोटे, अधिवक्ता फिरोज अहमद, इंसाफ, सद्दाम हुसैन, वसीम मिल्की, तारिक अली, फैजान साबरी, हारीस, मामून, मोजीब मिल्की बाबू आदि लोग रहे।

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