चंदौली:टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा)अनिवार्यता के खिलाफ शिक्षक संगठन का विरोध

चंदौली, 15 सितंबर — सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 सितंबर 2025 से टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) को अनिवार्य किए जाने के आदेश के खिलाफ संयुक्त शिक्षक मोर्चा समेत विभिन्न शिक्षक संगठनों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में जुटे शिक्षकों ने प्रधानमंत्री के नाम संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा, जिसमें इस निर्णय पर पुनर्विचार की मांग की गई।जिलाध्यक्ष ने बताया कि कोर्ट के इस आदेश के अनुसार कक्षा 8 तक पढ़ाने वाले सभी सेवारत शिक्षकों को दो वर्षों के भीतर टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया गया है, चाहे उनकी नियुक्ति कब हुई हो। उन्होंने इसे लाखों शिक्षकों की सेवा सुरक्षा और आजीविका पर संकट बताया।शिक्षकों ने कहा कि वर्षों से शिक्षा व्यवस्था को संभाल रहे शिक्षकों पर अचानक यह अनिवार्यता थोपना अन्यायपूर्ण है और इससे न केवल शिक्षक मानसिक दबाव में आएंगे, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता और निरंतरता भी प्रभावित होगी। शिक्षक आंनद मिश्रा ने कहा कि टीईटी की अनिवार्यता को केवल भविष्य की नियुक्तियों पर लागू किया जाए और पहले से कार्यरत शिक्षकों को इससे मुक्ति दी जाए। शिक्षकों का दावा है कि इस फैसले से देशभर में लगभग 15 से 20 लाख शिक्षक प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए केंद्र सरकार को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।प्रदर्शन में जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष आनंद पाण्डेय, महामंत्री उपेंद्र बहादुर सिंह, सुनिता तिवारी, आंनद मिश्रा,इम्तियाज खान, फैयाज अहमद, सुनील सिंह यादव,समेत सैकड़ों शिक्षक शामिल हुए।

