चंदौली में मिशन शक्ति अभियान (फेज-5.0) के तहत महिला जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

चंदौली-उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं सशक्तिकरण के उद्देश्य से संचालित मिशन शक्ति अभियान (फेज-5.0) के अंतर्गत जनपद चंदौली के विभिन्न थानों द्वारा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।जिले के थाना बलुआ, बबुरी, धीना, सैयदराजा, कन्दवा, नौगढ़, शहाबगंज, इलिया सहित अन्य थानों की एंटी रोमियो टीमों द्वारा स्कूल, कॉलेज, ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए। इन कार्यक्रमों में चौपाल के माध्यम से महिला संबंधित समस्याओं को सुनकर उनके निस्तारण का प्रयास किया गया।अभियान के अंतर्गत महिलाओं एवं बालिकाओं को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई, जैसे: मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना,बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ,वन स्टॉप सेंटर,181 महिला हेल्पलाइन,पति की मृत्युपरांत निराश्रित महिला पेंशन योजना,महिला शरणालय, शक्ति सदन, सखी निवास,महिला-संरक्षण कानूनों पर जागरूकता
साथ ही प्रमुख महिला संरक्षण कानूनों के बारे में भी जागरूक किया गया, जिनमें शामिल हैं:घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005,कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम, 2013,दहेज निषेध अधिनियम, 1961 (संशोधित 1986),गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम, 1994
“Wall of Dreams” – सपनों की दीवार
थाना बलुआ, सैयदराजा व सकलडीहा में “Wall of Dreams” नामक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में छात्राओं ने दीवार पर अपने हाथों की छाप (रंगीन पंजों के रूप में) लगाकर अपने सपनों, इच्छाओं एवं आकांक्षाओं को सार्वजनिक रूप से व्यक्त किया।प्रत्येक चिन्हित थाना परिसर की दीवार पर सफेद पेंट कर यह अभियान चलाया जा रहा है, जो आगे भी सतत जारी रहेगा।इस दौरान छात्राओं को नवस्थापित मिशन शक्ति केंद्र की कार्यप्रणाली, उपलब्ध सेवाओं और उद्देश्य की भी जानकारी दी गई।
कार्यक्रम का उद्देश्य,इस पहल का मुख्य उद्देश्य:बालिकाओं को आत्मनिर्भर एवं जागरूक बनाना,उन्हें अपने अधिकारों व योजनाओं की जानकारी देना,समाज में उनकी सशक्त भूमिका को बढ़ावा देना,महिलाओं की आवाज को एक मंच देना
“मिशन शक्ति अभियान” के तहत जनपद चंदौली में संचालित कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस प्रयास हैं। “Wall of Dreams” जैसी रचनात्मक पहलें महिलाओं के उज्ज्वल भविष्य, सुरक्षा और सम्मान का प्रतीक बन रही हैं।


