पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय, बैराठ,चंदौली में पीएम श्री स्कीम के तहत एक विशेष व्याख्यान का किया गया आयोजन।

पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय, बैराठ, चंदौली में 13 फरवरी, 2025 को पीएम श्री स्कीम के तहत एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी ऑफ सैंटियागो, चिली के फिजिक्स विभाग के प्रोफेसर दिनेश प्रताप सिंह ने “ऊर्जा संरक्षण और भंडारण में नैनो मटेरियल्स का उपयोग” विषय पर अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के प्राचार्य संजय कुमार मिश्र और उप प्राचार्य शुभेंदु भट्टाचार्य द्वारा मुख्य अतिथि प्रोफेसर दिनेश प्रताप सिंह का पारंपरिक तरीके से स्वागत करने के साथ हुई। मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। विद्यार्थियों ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर सभी का अभिनंदन किया। प्राचार्य संजय कुमार मिश्र ने अपने स्वागत भाषण में प्रोफेसर सिंह की उपस्थिति को विद्यालय के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम छात्रों के लिए नैनो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नई जानकारी प्राप्त करने का एक अद्वितीय अवसर है। उप प्राचार्य शुभेंदु भट्टाचार्य ने प्रोफेसर सिंह का परिचय देते हुए उनके अकादमिक और शोध कार्यों की प्रशंसा की।
प्रोफेसर सिंह ने अपने व्याख्यान में सबसे पहले अपने अकादमिक सफर के बारे में बताया, जो बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से शुरू होकर अमेरिका और अब चिली तक पहुंचा है। उन्होंने अपने शोध कार्यों के दौरान आई भाषाई, सांस्कृतिक और सामाजिक चुनौतियों के बारे में भी संक्षिप्त चर्चा की। प्रोफेसर सिंह ने नैनो मटेरियल्स के इतिहास और इसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 19वीं सदी में वैज्ञानिकों को लगने लगा था कि भौतिकी में सब कुछ खोज लिया गया है, लेकिन रिचर्ड एडॉल्फ ज़िग्मॉडी द्वारा नैनो मटेरियल्स की खोज ने इस क्षेत्र में अनंत संभावनाएं खोल दीं। उन्होंने नैनो मटेरियल्स के विभिन्न उपयोगों के बारे में बताया, जैसे कि सिलिकॉन थ्रेड जो स्टील से हजार गुना मजबूत होता है और ऐसे कपड़े जिन्हें एक बार झटकर साफ किया जा सकता है। प्रोफेसर सिंह ने यह भी चेतावनी दी कि नैनो मटेरियल्स जितने उपयोगी हैं, उतने ही घातक भी हो सकते हैं। उन्होंने कोरोना वायरस का उदाहरण देते हुए बताया कि नैनो स्तर पर वायरस कितने खतरनाक हो सकते हैं। उन्होंने ग्रेफीन और लिथियम आयन बैटरी के क्षेत्र में हो रहे शोधों के बारे में भी विस्तार से चर्चा की।प्रोफेसर सिंह ने छात्रों को हमेशा जिज्ञासु बने रहने और नई चीजें सीखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि शोध में असफलताएं भी सफलता की ओर ले जाती हैं और एक सफलता सभी असफलताओं को मिटा देती है। उन्होंने छात्रों को यह संदेश दिया कि प्रश्न कभी गलत नहीं होता और हमेशा नई जानकारी की तलाश में रहना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में, छात्रों ने प्रोफेसर सिंह से नैनो टेक्नोलॉजी और उनके शोध कार्यों से संबंधित विभिन्न प्रश्न पूछे। प्रोफेसर सिंह ने सभी प्रश्नों का विस्तार से उत्तर दिया और छात्रों की जिज्ञासा को शांत किया। कार्यक्रम का समापन विद्यालय के उप प्राचार्य श्री शुभेंदु भट्टाचार्य के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने मुख्य अतिथि, शिक्षकों और छात्रों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन चिन्मय मिश्र ने किया। इस कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षक बैजनाथ, सुजीत राय, के सी चौबे, अंशु कुमार, सार्थक शुक्ल, रश्मि कुमारी, पल्लवी राय, डॉ महेश तिवारी, श्वेता पांडे, डॉ अर्चना यादव और पूजा सिंह आदि उपस्थित रहे।



