Chandauli News-शहीदों को न्याय दिलाने की मांग:लालचंद व भोला पासवान को सम्मान दिलाने के लिए समाजवादी नेता दिलीप पासवान का संघर्ष

जनपद चंदौली मुगलसराय विधानसभा क्षेत्र, सदर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम सभा बबुरी स्थित ऐतिहासिक “लाल चौक”, आज भी उस बलिदान की गवाही देता है, जो 19 जनवरी 1982 को हुआ था। यह स्थान मुगलसराय, चकिया, मिर्जापुर और चंदौली को जोड़ने वाला एक प्रमुख मार्ग है और इसी धरती पर दो सगे भाइयों – कामरेड लालचंद पासवान एवं कामरेड भोला पासवान – ने देशभर में हुई महंगाई, बेरोजगारी और मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाते हुए शहादत दी थी।ट्रेड यूनियनों द्वारा आयोजित उस राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान, सरकार की नीतियों के खिलाफ बोलने की कीमत इन दो सच्चे क्रांतिकारियों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। पुलिस की गोलियों से उन्हें लाल चौक पर ही शहीद कर दिया गया। सपा नेता ने कहा आज 43 वर्ष बीत जाने के बाद भी:न कोई स्मारक बना,न कोई पार्क,न ही इन वीरों की कोई प्रतिमा स्थापित की गई.यह हमारे लोकतंत्र की विडंबना है कि जाति के आधार पर असल क्रांतिकारियों को भुला दिया गया।
समाजवादी नेता दिलीप पासवान का बयान:दलित समाज के इन सच्चे सपूतों को आज तक वह सम्मान नहीं मिला जिसके वे हकदार थे। हमारा पासवान समाज ऐतिहासिक रूप से भले ही पिछड़ा रहा हो, लेकिन हमारे पूर्वजों का बलिदान गौरवशाली रहा है। यदि हमने अब भी चुप्पी साध ली तो हमारा इतिहास हमेशा के लिए मिटा दिया जाएगा।उन्होंने सभी सामाजिक संगठनों, युवाओं, और वरिष्ठ नागरिकों से आह्वान किया है कि वे इस सम्मान की लड़ाई में आगे आएं और शहीदों को न्याय दिलाने के लिए एकजुट हों।
मुख्य मांगे:1. शहीद लालचंद पासवान व भोला पासवान की प्रतिमा बबुरी के लाल चौक पर स्थापित की जाए।
2. शहीद स्मारक या पार्क का निर्माण उनके नाम पर किया जाए।
3. सरकार द्वारा इन्हें आधिकारिक “शहीद” का दर्जा दिया जाए।
4. इनके इतिहास को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए ताकि नई पीढ़ी प्रेरणा ले सके।
“राजनीतिक दल हमारे समाज का वोट तो चाहते हैं, लेकिन जब सम्मान की बात आती है, तो चुप्पी साध लेते हैं। अब समय आ गया है कि हम अपने शहीदों को उनका हक दिलाएं।”— दिलीप पासवान, समाजवादी नेता