चंदौली

चंदौली के महिला थाने में एक माह पड़ी 75 शिकायते, 55 मामलों में बातचीत करके सुलझाया, थाना प्रभारी बोली-परिवार को मिलने में मिलती है खुशी

चंदौली जिले के महिला थाने पर इन दिनों हर दिन दो-तीन ऐसे मामले आते हैं जिसमें पति-पत्नी एक दूसरे पर आरोप लगाते हैं और साथ छोड़ने की बात करते हैं। कोई शादी के कुछ समय बाद ही थाने पहुंच रहा है तो कोई 7 साल से ज्यादा समय तक साथ गुजारने के बाद, महिला थाने पर पहुंचने वाली शिकायत पत्रों को जब वहां मौजूद पुलिसकर्मी पड़ती है तो वजह जानकर हैरान हो जाती हैं। लेकिन महिला थाना प्रभारी प्रियंका सिंह की सोच की वजह से एक दो नहीं बल्कि एक माह में 55 से ज्यादा पति-पत्नी के रिश्ते एक बार फिर दोबारा बना चुकी है।बताया जा रहा है पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अनिल कुमार के निर्देश पर महिला थाना प्रभारी प्रियंका सिंह अपने कर्तव्यो का तो निर्वाह कर ही रही हैं साथ ही उन लोगों के परिवार को टूटने से बच्चा भी रहे हैं। जो घरेलू हिंसा के शिकार हुए हैं, इतना ही नहीं छोटी-छोटी बातों को लेकर टूटने की कगार पर पहुंच रहे पति-पत्नी के रिश्ते को बचाने के लिए दोनों पारिवारिक सदस्यों को बुलाकर उनकी काउंसलिंग करती हैं फिर काउंसलिंग के बाद खुशी-खुशी उन दोनों परिवारों को एक दूसरे से मिलती हैं, जिससे आने वाली शिकायतों पर वह फिर दर्ज करने की वजह समझ कर सुलझाने की कोशिश करती हैं। यही कारण है कि है कि प्रियंका सिंह इन दोनों लोगों की चर्चाओं में है।महिला थाने पर 1 मई 2024 से अब तक आई 85 शिकायतों में से महिला थाना प्रभारी 55 मामलों में बातचीत के जरिए पति-पत्नी के बीच बिगड़े रिश्ते को सुधार चुकी हैं कुछ ऐसे भी मामले निकले जो तो कोर्ट में चले गए हैं या फिर शिकायत पत्र देने के बाद वापस नहीं आए।महिला थाना प्रभारी प्रियंका सिंह के पास जब शिकायती पत्र पहुंचता है तो वह उसे पढ़ती हैं। इसके बाद जब वह दोनों पक्षों को अपने पास बुलाती हैं और विवाद के कारणों को जानने का प्रयास करती हैं तो वजह कुछ और ही निकलती है। कहीं पति पत्नी के बीच छोटी छोटी बातों को लेकर इगो टकराता है तो कई बार मोबाइल का अधिक प्रयोग करना कारण निकलता है। मसलन पति काम से घर पहुंचा और पत्नी मोबाइल पर व्यस्त होने के चलते ध्यान नहीं दे रही या पत्नी कोई बात पति से कह रहीं और पति मोबाइल पर व्यस्त है तो तकरार बढ़ती है।इस संबंध में महिला थाना प्रभारी प्रियंका सिंह ने बताया कि मई माह में 72 प्रार्थना पत्र पड़े थे, जिसमें से 45 लोगों को पारिवारिक विवाद को समाप्त करते हुए टूटे हुए रिश्ते को बचाते हुए पति-पत्नी को परिजनों के साथ राजी खुशी भेजा गया, कहां की इस माह में अब तक 13 प्रार्थना पत्र पढ़ चुके हैं जिसमें से 10 मामलों में बातचीत के जरिए पति-पत्नी के बीच बिगड़े रिश्ते को सुधारा गया है। कहां कि इस तरह के मामले में सुलाहा कराने मे बहुत ही खुशी मिलती है।

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