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Chandauli News-मुख्यालय पर फल फूल रहा अवैध हॉस्पिटलों का कारोबार,झोलाछाप डॉक्टरों का पर्दाफाश,SDM की छापेमारी में सामने आया फर्जीवाड़ा

चंदौली, जिला मुख्यालय। जिले में स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही और फर्जीवाड़े का खुलासा उस वक्त हुआ जब सदर उप जिलाधिकारी दिव्या ओझा ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ चार चिकित्सा संस्थानों पर छापेमारी की। जांच के दौरान सामने आए तथ्यों ने चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी।

गंभीर बीमारियों का इलाज झोलाछाप डॉक्टरों के हवाले

छापेमारी के दौरान धन्वंतरी चिकित्सालय में बिना किसी योग्य चिकित्सक और प्रशिक्षित स्टाफ के गंभीर बीमारियों का इलाज और ऑपरेशन तक किए जा रहे थे। अस्पताल में न तो रजिस्टर्ड डॉक्टर मौजूद था और न ही प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ।
SDM दिव्या ओझा ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए अस्पताल को तत्काल सील कर दिया और रजिस्ट्रेशन रद्द करने के आदेश जारी किए।

इन संस्थानों पर की गई कार्रवाई:

धन्वंतरी हॉस्पिटल

ए टू जेड हॉस्पिटल

शिव शक्ति हॉस्पिटल

न्यू पार्क पैथोलॉजी


जांच के दौरान सभी स्थानों पर या तो वैध रजिस्ट्रेशन दस्तावेज नहीं मिले या फिर प्रशिक्षित चिकित्सक व स्टाफ की भारी कमी पाई गई। कई संस्थानों में आयुष्मान भारत योजना का दुरुपयोग कर झोलाछाप डॉक्टर मरीजों को लाभ दे रहे थे।

बिना रजिस्ट्रेशन चल रही थी न्यू पार्क पैथोलॉजी

न्यू पार्क पैथोलॉजी बिना किसी वैध पंजीकरण के संचालित हो रही थी। इसे भी तत्काल सील कर नोटिस जारी किया गया।

मरीजों ने शिफ्ट होने से किया इनकार, लिखित लिया गया जवाब

धन्वंतरी अस्पताल के मरीजों को जिला अस्पताल में स्थानांतरित करने की पेशकश की गई, लेकिन कई मरीजों ने मना कर दिया। ऐसे में प्रशासन ने उनसे लिखित में यह बयान लिया कि किसी भी चिकित्सा असुविधा की जिम्मेदारी उनकी अपनी होगी।

स्वास्थ्य व्यवस्था सवालों के घेरे में

चंदौली जिले में अवैध अस्पतालों और झोलाछाप डॉक्टरों का नेटवर्क गहराता जा रहा है। फर्जी पंजीकरण के जरिए ये लोग इलाज कर रहे हैं, जिससे मरीजों की जान जोखिम में पड़ रही है। स्वास्थ्य विभाग अक्सर इन मामलों को केवल “जांच जारी है” कहकर टालता रहा है।

पिछले सप्ताह भी हुई थी बड़ी कार्रवाई

इससे पहले, पं. दीनदयाल उपाध्याय नगर के SDM अनुपम मिश्रा ने भी चार अस्पतालों पर छापेमारी की थी, जिनमें इसी तरह की अनियमितताएं पाई गई थीं। इन सभी मामलों की रिपोर्ट मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) को कार्रवाई के लिए भेजी गई है।

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