चंदौली के डीडीयू स्टेशन पर बाल मजदूरी से जुड़े मामले का खुलासा,आरपीएफ ने बचाए तीन नाबालिग,एक तस्कर गिरफ्तार

चंदौली जनपद स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (डीडीयू) से एक मानव तस्करी और बाल मजदूरी का मामला सामने आया है। आरपीएफ डीडीयू पोस्ट की टीम ने गया-चेन्नई एक्सप्रेस में चलाए गए विशेष चेकिंग अभियान के दौरान 3 नाबालिग बच्चों को बचाया, जिन्हें जबरन चेन्नई के एक होटल में मजदूरी कराने के लिए ले जाया जा रहा था।यह अभियान आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार रावत के नेतृत्व में चलाया गया, जिसमें बचपन बचाओ आंदोलन की सहायक परियोजना अधिकारी चंदा गुप्ता, चाइल्ड हेल्प डेस्क और अन्य सहयोगी टीमों की भूमिका सराहनीय रही।
आपको बता दे की गाड़ी संख्या 12389 (गया-चेन्नई एक्सप्रेस) के प्लेटफॉर्म संख्या 4 पर आगमन के उपरांत, जनरल कोच की जांच के दौरान 3 नाबालिग बच्चों को डरे-सहमे हालत में पाया गया।उनके साथ मौजूद एक व्यक्ति की गतिविधियां संदेहास्पद पाई गईं। पूछताछ में खुलासा हुआ कि उक्त व्यक्ति इन बच्चों को चेन्नई के होटल में बर्तन धोने का काम दिलाने के बहाने मजदूरी के लिए ले जा रहा था।आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने बच्चों को काम पर लगाने के लिए गया से चेन्नई ले जाने की योजना बनाई थी। उसने उनके ट्रेन टिकट और खाने-पीने का खर्च भी वहन किया था। बच्चों के अनुसार, उन्हें 12 घंटे काम करने के बदले ₹14,000 प्रतिमाह मजदूरी देने का वादा किया गया था।
बचाए गए नाबालिगों की पहचान:
1. अनोज कुमार – उम्र 14 वर्ष
2. धर्मेंद्र कुमार – उम्र 16 वर्ष
3. राजकुमार – उम्र 17 वर्ष
(सभी निवासी – डोभी, गया, बिहार)
पूरे मामले को बाल श्रम (बाल मजदूरी) और मानव तस्करी से जुड़ा पाए जाने पर:तीनों नाबालिगों को सुरक्षित रूप से चाइल्ड हेल्प डेस्क को सौंप दिया गया।आरोपी विरहिन मांझी को कोतवाली मुगलसराय पुलिस को सुपुर्द किया गया, जहां विधिक कार्यवाही की जा रही है।आरपीएफ: उप निरीक्षक अश्वनी कुमार, आरक्षी दीपक सिंह, संतोष त्रिपाठी, अशोक यादव, बबलू कुमार,सीआईबी: प्रधान आरक्षी विनोद यादव,बचपन बचाओ आंदोलन: चंदा गुप्ता,चाइल्ड हेल्प डेस्क: सुजीत कुमार