चंदौली:शिवलिंग विवाद पर तेजतर्रार इंस्पेक्टर की सूझबूझ लाई रंग,पंचायत में दोनों समुदायों के बीच हुआ ऐतिहासिक सुलह समझौता

चंदौली – जिले के अलीनगर थाना क्षेत्र के धपरी गांव में शिवलिंग प्रकरण को लेकर उपजे विवाद का आखिरकार शांतिपूर्ण समाधान निकल आया है। सोमवार को पीडीडीयू नगर तहसील में प्रशासन की मौजूदगी में हुई पंचायत में दोनों समुदायों की आपसी सहमति से विवाद का पटाक्षेप हो गया।घंटों चली बैठक के बाद तय हुआ कि गांव की आबादी भूमि में दो विस्वा जमीन मंदिर निर्माण के लिए दी जाएगी। इस ऐतिहासिक फैसले पर दोनों पक्षों ने सहमति जताई, जिससे प्रशासन और पुलिस ने राहत की सांस ली।
क्या था मामला?
26 जुलाई को ग्राम निवासी फरहा अली की निजी जमीन (आराजी संख्या 732) की खुदाई में शिवलिंग प्राप्त हुआ था।ग्रामीणों की सहमति से शिवलिंग को पास के मंदिर में स्थापित कर पूजा शुरू कर दी गई।अगले दिन सकलैन हैदर व अंसार अली ने मंदिर निर्माण हेतु एक विस्वा जमीन देने की बात कही, लेकिन बाद में जमीन के स्वामित्व को लेकर विवाद गहराने लगा।कुछ ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वह भूमि ग्राम समाज की है।राजस्व विभाग की जांच में जमीन सकलैन के नाम दर्ज पाई गई, फिर भी विवाद नहीं थमा।3 अगस्त को कुछ लोगों ने विवादित स्थल पर झंडा और तिरपाल लगाकर पूजा शुरू कर दी, जिससे सांप्रदायिक तनाव फैलने लगा।प्रशासन ने 6 सितंबर को 10 लोगों को तलब किया, लेकिन दस्तावेज अधूरे होने से जमानत नहीं मिल सकी।7 सितंबर की रात जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने फिर पहल की।8 सितंबर को तहसील परिसर में पंचायत आयोजित की गई।एसडीएम अनुपम मिश्रा, सीओ कृष्ण मुरारी शर्मा, थाना प्रभारी अनिल पांडे, इंस्पेक्टर शेषधर पांडे सहित प्रशासन के कई अधिकारी मौजूद रहे।
100 रुपये के स्टांप पर लिखित सुलहनामा तैयार-
सुलह के तीन प्रमुख बिंदु:1. आराजी संख्या 732 (निजी भूमि) पर द्वितीय पक्ष का पूर्ण स्वामित्व रहेगा, प्रथम पक्ष कोई दावा नहीं करेगा।
2. आराजी संख्या 731 (गांव की आबादी भूमि) में से 2 विस्वा भूमि मंदिर निर्माण के लिए दी जाएगी।
3. प्राथमिक विद्यालय की बाउंड्री से लगे रास्ते का सभी लोग निःशुल्क और निर्बाध प्रयोग कर सकेंगे।
एक नजरी नक्शा भी समझौते के साथ संलग्न किया गया।
इंस्पेक्टर शेषधर पांडे की भूमिका रही निर्णायक-जैसे ही तेजतर्रार इंस्पेक्टर शेषधर पांडे की मौके पर तैनाती हुई, मामला सुलझने की दिशा में बढ़ गया।पंचायत के बाद दोनों समुदायों के लोगों ने संतोष व्यक्त किया और प्रशासन का आभार जताया। एक ग्रामीण ने कहा, “अगर इंस्पेक्टर पांडे जी मौके पर न होते तो शायद बात इतनी जल्दी नहीं सुलझती।”