Chandauli News- देश के रक्षा मंत्री का जिला चंदौली कानून व्यवस्था में हुआ ध्वस्त,सीएम डैशबोर्ड की रैकिग में निकला फिसड्डी

चंदौली जिला उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व गृह मंत्री एवं वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का गृह जनपद होने के बावजूद चंदौली विकास और कानून व्यवस्था के मामले में राज्य स्तर पर पिछड़ा हुआ नजर आया है। मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर जुलाई माह की रिपोर्ट के अनुसार विकास कार्यों में चंदौली 75 जिलों में 47वें स्थान पर रहा, जबकि कानून व्यवस्था में स्थिति और भी चिंताजनक रही तथा यह 66वें स्थान पर रहा।
रिपोर्ट में स्पष्ट है कि जनपद प्रशासनिक कार्यों, जनसुनवाई, जनकल्याणकारी योजनाओं, विकास परियोजनाओं और राजस्व संबंधी कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन में पीछे रहा। नतीजतन, जहां बरेली विकास कार्यों में प्रथम स्थान पर रहा, वहीं श्रावस्ती, शाहजहांपुर, ललितपुर, हरदोई, मैनपुरी, मथुरा, महाराजगंज, अंबेडकर नगर और जालौन टॉप टेन में अपनी जगह बनाए रखने में सफल रहे।
कानून व्यवस्था की श्रेणी में रामपुर प्रथम, कौशांबी द्वितीय और शाहजहांपुर तृतीय स्थान पर रहे। टॉप टेन की सूची में गौतम बुद्ध नगर, जालौन, संभल, बाराबंकी, फिरोजाबाद, अमेठी और बस्ती भी शामिल रहे। वहीं चंदौली इस सूची में दूर-दूर तक नहीं दिखा और निचले पायदान पर सिमट गया।
स्थानीय लोगों और जानकारों के अनुसार, वर्तमान में चंदौली में विकास कार्यों में अधिकारियों की लापरवाही साफ झलकती है। परियोजनाएं समय पर पूरी नहीं हो रहीं और योजनाओं का लाभ आमजन तक सही ढंग से नहीं पहुंच पा रहा। दूसरी ओर, कानून व्यवस्था में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। चोरी, लूट, मारपीट और अन्य आपराधिक घटनाओं पर पुलिस की पकड़ कमजोर दिखाई दे रही है। अक्सर पुलिस घटनाओं के बाद कार्रवाई करती है, लेकिन अपराध पर प्रभावी अंकुश नहीं लगा पा रही।
विशेषज्ञों का मानना है कि चंदौली की यह स्थिति प्रदेश स्तर पर इसकी छवि को प्रभावित कर रही है, जबकि यह जनपद राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। अब देखना यह है कि अगस्त माह में जिले के अधिकारी और पुलिस प्रशासन इस खराब प्रदर्शन से सबक लेकर सुधारात्मक कदम उठाते हैं या स्थिति और बिगड़ती जाती है। जनता को उम्मीद है कि उच्चाधिकारियों के निर्देश और सख्ती से न केवल विकास कार्य गति पकड़ेंगे, बल्कि कानून व्यवस्था भी पटरी पर लौटेगी।

